क्या कर्ज लेना समझदारी है? जानिए इसका सही उपयोग

दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं कर्ज पर चलती हैं। अमेरिका, जो आज सबसे ताकतवर देश है, उसने भी भारी मात्रा में कर्ज ले रखा है। लेकिन क्या कर्ज लेना गलत है? बिल्कुल नहीं! असली सवाल यह है कि कर्ज का उपयोग कैसे किया जाए।

अगर कोई व्यक्ति, कंपनी या देश कर्ज नहीं लेता, तो इसका मतलब है कि वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर रहा। दुनिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन और देश कर्ज लेते हैं, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि वे उसे सही जगह निवेश करना जानते हैं। आइए समझते हैं कि कर्ज कैसे एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है।

कर्ज क्यों जरूरी है?

व्यापार हो, देश की अर्थव्यवस्था हो, या फिर कोई नई परियोजना—बड़े स्तर पर सफलता उन्हीं को मिलती है जो सही तरीके से कर्ज लेकर उसका उपयोग करना जानते हैं। कर्ज लेने का सही तरीका यह है कि उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहां से वह और ज्यादा मुनाफा कमा सके।

उदाहरण के लिए, अगर कोई बिजनेस कर्ज लेकर 10% सालाना ब्याज चुकाता है, लेकिन उस पैसे को सही तरीके से निवेश करके 50-60% का मुनाफा कमा लेता है, तो यह नुकसान नहीं, बल्कि फायदे का सौदा है।

अमेरिका और बड़े बिजनेस का उदाहरण

अमेरिका दुनिया का सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाला देश है, लेकिन उसकी अर्थव्यवस्था भी सबसे मजबूत है। क्यों? क्योंकि उसने उस कर्ज को सही निवेश में लगाया।

इसी तरह, मुकेश अंबानी ने Jio को लॉन्च करने के लिए भारी कर्ज लिया था। उस समय लोगों को लगा कि Jio असफल हो जाएगा, लेकिन अंबानी ने इस पैसे को सही जगह लगाया। उन्होंने सस्ते इंटरनेट और फ्री कॉलिंग देकर ग्राहकों को जोड़ा और देखते ही देखते Jio भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई।

यही फॉर्मूला दुनिया की हर बड़ी कंपनी अपनाती है—चाहे वो Apple, Amazon, Tesla हो या कोई और।

इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश: एक लाभदायक उदाहरण

मान लीजिए, सरकार को पटना से दिल्ली के बीच एक हाई-स्पीड सड़क बनानी है, जिससे यात्रा का समय 12 घंटे से घटकर सिर्फ 6 घंटे हो जाए। अगर सरकार के पास पैसे नहीं हैं, तो क्या सड़क नहीं बनेगी?

हल: वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर निर्माण

मान लीजिए सरकार वर्ल्ड बैंक से 7 अरब रुपये का कर्ज लेती है और एक बेहतरीन सड़क बना देती है। इस सड़क पर रोजाना 2 लाख गाड़ियां चलती हैं, और सरकार प्रति गाड़ी 100 रुपये टोल वसूलती है।

अब देखिए कैलकुलेशन:
• रोजाना टोल कलेक्शन = 2,00,000 × 100 = 2 करोड़ रुपये
• सालाना टोल कलेक्शन = 2 करोड़ × 365 = 730 करोड़ रुपये

अब अगर सरकार वर्ल्ड बैंक को सालाना 8 अरब रुपये (7 अरब का कर्ज + ब्याज) लौटाती है, तो सिर्फ कुछ ही सालों में कर्ज चुक जाएगा और इसके बाद होने वाली कमाई पूरी तरह सरकार के पास होगी।

अब सोचिए, अगर सरकार कर्ज न लेती, तो सड़क कभी बनती ही नहीं, और ना ही यह कमाई होती। यही है स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग।

बिजनेस में कर्ज का सही उपयोग

अगर कोई बिजनेसमैन सोचता है कि वह सिर्फ अपने पैसे से ही बड़ा बिजनेस खड़ा कर सकता है, तो वह गलत सोच रहा है।

दुनिया के हर सफल बिजनेसमैन ने शुरुआती दिनों में कर्ज लिया और उसे सही निवेश किया।
1. Jio ने भारत में 4G क्रांति लाई – अंबानी ने हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लिया, लेकिन आज Jio भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है।
2. Amazon और Tesla ने भी भारी कर्ज लिया – लेकिन अब वे दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में शामिल हैं।
3. स्टार्टअप कंपनियां फंडिंग (कर्ज) लेकर ग्रोथ करती हैं – जो कंपनी पैसा नहीं जुटा पाती, वह मार्केट में टिक नहीं पाती।

क्या कर्ज लेना सही है या गलत? कर्ज लेना गलत नहीं है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि आप उसे कहां और कैसे उपयोग कर रहे हैं। अगर कर्ज लेकर पैसा बर्बाद कर दिया, तो यह आपको डुबा देगा। लेकिन अगर सही प्लानिंग से निवेश किया, तो यही कर्ज आपको अगला अंबानी या टाटा बना सकता है। तो अगली बार जब कोई कहे कि “कर्ज लेना गलत है,” तो उसे बताइए कि “कर्ज लेना एक समझदारी भरा निर्णय है, अगर उसे सही जगह लगाया जाए!”

निष्कर्ष
1. दुनिया के सबसे बड़े देश और बिजनेस कर्ज लेकर ग्रोथ करते हैं।
2. अगर कर्ज को सही जगह निवेश किया जाए, तो यह फायदे का सौदा होता है।
3. इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजनेस में सही तरीके से कर्ज लेकर भारी मुनाफा कमाया जा सकता है।
4. जो लोग कर्ज लेने से डरते हैं, वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर रहे।

तो अब सोचिए, क्या आप भी अपने बिजनेस या प्रोजेक्ट के लिए स्मार्ट तरीके से कर्ज लेकर उसे ग्रोथ देना चाहेंगे?

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