आजकल हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल है – “गोल्ड के रेट इतने तेज़ी से क्यों बढ़ रहे हैं?” चाहे शादी का सीज़न हो या निवेश की बात, सोना हमेशा चर्चा में रहता है। लेकिन 2024-25 में जो उछाल देखने को मिला है, उसने सभी को चौंका दिया है। तो चलिए, इस लेख में जानते हैं कि गोल्ड की कीमतें आखिर क्यों बढ़ रही हैं – और इसका आपके फाइनेंशियल प्लान पर क्या असर पड़ सकता है।

- ग्लोबल अनिश्चितता और जियोपॉलिटिकल तनाव
जब दुनिया में कहीं भी तनाव होता है – जैसे युद्ध, चुनावी अनिश्चितता या आर्थिक मंदी – तो निवेशक सुरक्षित विकल्पों की तलाश करते हैं। गोल्ड को “safe haven asset” माना जाता है।
उदाहरण:
• रूस-यूक्रेन युद्ध
• इज़राइल-गाज़ा संघर्ष
• अमेरिका-चीन व्यापार तनाव
इन घटनाओं के चलते दुनियाभर में गोल्ड की मांग बढ़ी है, जिससे इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं।
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- डॉलर की कमजोरी = गोल्ड की मजबूती
सोने की कीमतें आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं। जब डॉलर कमजोर होता है, तो निवेशक सोने में भागने लगते हैं।
2024 के बाद डॉलर इंडेक्स में गिरावट ने गोल्ड की चमक और बढ़ा दी है।
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- सेंट्रल बैंकों की खरीद
दुनियाभर के सेंट्रल बैंक – जैसे चीन, भारत, रूस – पिछले कुछ सालों से भारी मात्रा में गोल्ड खरीद रहे हैं।
क्यों?
• अपनी करेंसी को सुरक्षित बनाना
• डॉलर पर निर्भरता कम करना
ये बड़ी खरीदारी भी गोल्ड की कीमतों को ऊपर धकेलती है।
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- ब्याज दरों का असर
जब ब्याज दरें गिरती हैं, तो बैंक डिपॉजिट और बॉन्ड जैसे निवेश कम रिटर्न देने लगते हैं। ऐसे में निवेशक गोल्ड की तरफ रुख करते हैं।
2023-24 में अमेरिका और यूरोप की ब्याज दरों में स्थिरता या गिरावट से गोल्ड को बूस्ट मिला।
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- भारत में शादी-ब्याह और त्योहारों का सीज़न
भारत में हर साल अप्रैल से लेकर नवंबर तक गोल्ड की डिमांड बढ़ती है –
• अक्षय तृतीया
• रक्षाबंधन
• दशहरा, दीवाली
• शादियों का सीज़न
जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती है, वैसे-वैसे दाम भी चढ़ते हैं।
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- माइनिंग और सप्लाई में रुकावट
सोने की माइनिंग एक धीमी और खर्चीली प्रक्रिया है। अगर माइनिंग में कोई रुकावट आती है – जैसे कि कोविड के दौरान हुआ था – तो सप्लाई घट जाती है।
डिमांड ज्यादा + सप्लाई कम = कीमतों में उछाल
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क्या आगे भी सोना चढ़ता रहेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दुनिया में अनिश्चितता बनी रही, और सेंट्रल बैंक खरीद जारी रखे, तो सोना ₹75,000 से ₹80,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
हालांकि, छोटे निवेशकों को सावधानी से कदम बढ़ाना चाहिए – SIP या डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प आजकल ज्यादा स्मार्ट हैं।
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निष्कर्ष
सोने की कीमतें सिर्फ एक धातु के भाव नहीं हैं – ये दुनिया की आर्थिक और राजनीतिक सेहत का आइना हैं। अगर आप भी गोल्ड में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो बाजार की चाल को समझकर ही कदम उठाएं।
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क्या आप भी गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं या आपके पास कोई सवाल है? नीचे कमेंट में ज़रूर लिखें – और इस पोस्ट को शेयर करना मत भूलिए!